ऐ जी घनश्याम…Ae Ji Ghanshyam…
ऐ जी घनश्याम ,थारी मुरली कामनगारी म्हारा राज ।।म्हारा श्याम जी ,ओजी घनश्याम (तर्ज: उमराव) सुरत अति मनमोहनी, मीठी सी मुस्कानएक झलक दिखलाय के, पागल कर गयो प्राणऐजी घनश्याम थारी चितवन पर बलिहारी म्हारा राज ।।ऐजी______________ हरृये बांस की बांसुरी, मो मन गई समायढलती राज जलायके,गजबन गई तरसायऐजी घनश्याम कैसी मारी नेह कटारी म्हारा राज।।ऐजी …