श्री राम की गली में तुम जाना,
वहाँ नाचते मिलेंगे हन्नुमाना || टेर ।।
(वर्ज: मणिहारी का वेश बनाया… )
उनके तन में है राम उनके मन में है राम,
अपनी आँखों से देखे वो कण-कण में राम,
श्री राम का वो हो गया दीवाना ।।
वहाँ नाचते…| | १ ।।
______________
ऐसे रामजी से जोड़ लिया नाता,
जब भी देखो उन्हीं के गुण गाता,
श्री राम के चरण में ठिकाना |।
वहाँ नाचते… |। २ |।
______________
उनसे कहना राम-२,, वो कहेंगे राम-राम,
कुछ भी सुनते नहीं बस सुनेंगे राम-राम,
महामंत्र है ये भूल नहीं जाना ।।
वहाँ नाचते… ।। ३ ।।
______________
इतनी भक्ति वो ““बनवारी”” करने लगे,
उसके सीने में राम सिया रहने लगे,
इस कहानी को जानता जमाना ||
वहाँ नाचते… ||४ ।।