दादी जी या विनती म्हारी…Dadi Ji Ya Vinti Mhari…
दादी जी या विनती म्हारी,सुणियो ध्यान लगाकर जी,श्री चरणां की सेवा करस्याँ,रखियो म्हाने चाकर जी || तर्ज : चाँदी की दिवार न तोड़ी.… पूजा विधी ना जाणां कुछ भी,साँची बात बतावाँ हाँ,रोली मोली श्री फल ले माँ,पूजन थाल सजावाँ हाँ,पुष्पां सै श्रृंगार करा हाँ,गुण थारा ही गावाँ हाँ,तन मन शीतल होवे थारे,चरणां को जल पाकर …