माँ सरस्वती तुम दया करो।
गुण ज्ञान का माँ भण्डार भरो ।।
तर्ज : महाराज गजानन दयाकरो
हम मूरख और अज्ञानी है,
विद्या हमसे अंजानी है।
विद्या-बुद्धि का दान करो | माँ…
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हे, हँस-वाहिनी आ जावो,
शिक्षा का पाठ पढ़ा जावो ।
हम बच्चों का उद्धार करो ।। माँ…
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कर पुस्तक तेरे विराजै है,
इक कर में वीणा साजै है।
सुर और लय की झंकार भरो || माँ…
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हम नेक डगर पे बढ़ जायें,
बुरे कर्मों से टल जायें।
सतकर्मो का संस्कार भरो || माँ…
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ये दास ‘रवि’ गुण गाता है।
चरणों में शीश झुकाता है ।
ममता का सिर पे हाथ धरो ।। माँ..
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