मुझे खाटुवाले का भरोसा है भारी,
चाहे आये तुफां या रात अंधियारी।
तर्ज – अगर तुम ना होते
गठरी गमों की ले के, दर पे पड़ा था,
नज़रें उठा के देखा , सांवरा खड़ा था,
हर ग़म मिटा, जो देखी, मुस्कान प्यारी,
चाहे आये…..
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दुख दर्द आये जो, श्याम ने उबारा,
जिताया है हर क्षण, जब भी मैं हारा,
आया बचाने मुझको, तीन बाण धारी,
चाहे आये ……..
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धोखे ही धोखे हैं, जग के नजारे,
जिन्दा हुं अब तक, श्याम के सहारे,
श्याम ने ही मेरी सारी, मुसीबत है टारी,
चाहे आये …….
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ज़िन्दगी की चाभी कर दी, श्याम के हवाले,
चाहे राह खोल दे ये, चाहे मार डाले,
‘बिट्टु’ ने कर ली खाटु, जाने की तैयारी,
चाहे आये ……..