आंख्या को काजल थारो…Aakhya Ko Kajal Tharo…
आंख्या को काजल थारो, होठां री लाली जी,तो अइयाँ की लटक ना, पेल्ह्या देखी भाली जी॥॥होठां की ॥ (तर्ज: पीलो…. ) मोर मुकुट की थारै, शोभा घणेरी जी,तो केशर को टीको, नख बेशर मतवाली जी॥॥ होठां की॥_____________ कानां में कुण्डल थारै, गल में गलपटियों जी,तो कुण्डल के नीचे झूमै , चम-चम करती बाली जी ॥॥ …