श्याम तेरे भक्तों को,तेरा ही सहारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,तेरा ही सहारा है।।
तर्ज – बाबुल का ये घर
आशा निराशा ने,घेरा परेशान हूँ,
कैसे बचूं इनसे,आख़िर तो मैं इंसान हूँ,
तेरी दया के बिना ओ बाबा…..
तेरी दया के बिना,अपना ना गुज़ारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,तेरा ही सहारा है।।
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मलिक तेरे जग का,अंदाज़ निराला है,
भक्तो को पीना पड़ा,यहाँ ज़हर का प्याला है,
पर वो कभी ना डरे ओ बाबा……
पर वो कभी ना डरे,जिन्हे साथ तुम्हारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,तेरा ही सहारा है।।
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किसको कहे अपना,अपने भी बेगाने है,
फुर्सत नहीं इनको,मतलब के दीवाने है,
प्रेमी अपने मिला ओ बाबा…..
प्रेमी अपने मिला,जो तुझको दुलारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,तेरा ही सहारा है।।
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मीत बनो मेरे,हमें तेरी जरुरत है,
अपनों के खातिर सुना,तुम्हे फुर्सत ही फुर्सत है,
‘नंदू’ तेरे खातिर ओ बाबा…..
‘नंदू’ तेरे खातिर,किया सबसे किनारा है,
बाबा तेरे भक्तों को,तेरा ही सहारा है।।