सबसे पहल्या गणपत पाछ…Sabse Phelya Ganpat Pacche…

दोहा : हे पितरेश्वर आपको म्हें चावां आशीर्वाद
चरणां शीश नवादियो, रखद्यो सिर पर हाथ

सबसे पहल्या गणपत पाछ , घर का देव मनावा जी ।
हे पितरेश्वर दया राखियो, करियो मन की चाया जी ।।
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गल पुष्पन को हार पहरायो, चरणां फूल चढ़ाया जी,
श्रद्धा पूर्वक हाथ जोड़कर, थारो ध्यान लगाया जी |
सबसे पहल्या गणपत…
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सुख-दुख म्हारो जो भी होसी, म्हें तो थान कहस्यां जी,
हरदम थारी महिमा गास्यां, थारी शरण में रहस्यां जी ।
सबसे पहल्या गणपत…
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थे हो म्हार घर की ज्योति, ठाबर का रखवाला जी,
“बनवारी’ चाहे जो हो जावे, थारो हुकुम नहीं ठाला जी ।
सबसे पहल्या गणपत…

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