फागुन की रुत ऐसी आई है…..Fagun ki rut aisi aai hai
फागुन की रुत ऐसी आई है, खाटू में मस्ती छाई है,आये है दीवाने तेरे द्वार, संवारे हमे दर्शन दो,आये है दीवाने तेरे द्वार……… तर्ज़:- चूडी जो खनकी हाथ मे हर गलियों में सांवरे, लग रहे जयकारे है,भगती भाव में डूब के, नाच रहे है सारे है,आके तू भी संग, नाच ले ,अब करो न नखरे …
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