तर्ज : तेरी झलक अशर्फी
जो हार के आये खाटू,
उनको गले लगाए,
हर बाजी जीते वो जो,
इनको शीश नवाए,
जिसने भी बाबा को,
दिल से पुकारा है,
उसने ही जाना ये,
हारे का सहारा है,
खाटू का श्यामधणी,
रखें भक्तों पे नज़र अपनी,
खाटू का श्यामधणी,
करें भक्तों पे महर अपनी ।। टेर।।
ये सारा जमाना, है इनके पीछे,
मैं भी आया हूँ खाटू, अँखियों को मींचे,
सर ना झुकने दे बाबा, दुनिया के आगे,
झुकता दर पे जो इनके, कर के सर नीचे,
ना है तमन्ना, हीरा पन्ना, मुझको है बस, तेरा बनना,
एक झलक तेरी आँखों में, ख्वाब सजा जाए, क्योंकि,
खाटू का श्यामधणी, रखें भक्तों पे नज़र अपनी,
खाटू का श्यामधणी, करें भक्तों पे महर अपनी ।। 1 ।।
खाटू की गलियाँ, सुंदर है लगती,
फागण में देखो सारी, नगरी सजती,
कीर्तन के दिखते बड़े, प्यारे नज़ारे,
बाबा की आभा हर, भक्तों में दिखती,
रंग बिरंगे बागा पहने, लीले घोड़े पर वो निकले,
खाटू के जर्रे जर्रे में, श्याम नज़र आये, क्योंकि
खाटू का श्यामधणी, रखें भक्तों पे नज़र अपनी,
खाटू का श्यामधणी, करें भक्तों पे महर अपनी ।। 2 ।।
Bhajan – Kishan Goyal (Ranchi)