कीर्त्तन की है रात,
बाबा आज थाने आणो है,
थान कोल निभानो है।
(तर्ज : एक तेरा साथ)
दरबार साँवरिया,
ऐसा सज्यो प्यारो,
दयालु आपको,
सेवा में साँवरिया,
सगला खड्या डीके,
हुक्म बस आपको,
सेवा में थारी-2,
म्हान आज बिछ जाणो है,
थान कोल निभानो है……….. |
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कीर्त्तन की है त्यारी,
कीर्तन करा जमकर,
प्रभू क्यूं देर करो,
वादो थारो दाता,
कीर्त्तन में आण को,
धणी क्यूं देर करो,
भजना सूं थान-2,
म्हान आज रिझाणो है,
थान कौल निभानो है……….. ।
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जो कुछ बण्यो म्हांसू,
अर्पण प्रभू सारो,
प्रभू स्वीकार करो,
नादान सूँ गलती,
होती ही आई है,
प्रभू मत ध्यान धरो,
“नन्दू” साँवरिया-2,
थारो दास पुराणो है,
थान कौल निभानो है……….. |