कीर्त्तन की है रात…Kritan Ki Hai Raat…

कीर्त्तन की है रात,
बाबा आज थाने आणो है,
थान कोल निभानो है।

(तर्ज : एक तेरा साथ)

दरबार साँवरिया,
ऐसा सज्यो प्यारो,
दयालु आपको,
सेवा में साँवरिया,

सगला खड्या डीके,
हुक्म बस आपको,
सेवा में थारी-2,

म्हान आज बिछ जाणो है,
थान कोल निभानो है……….. |

_____________

कीर्त्तन की है त्यारी,
कीर्तन करा जमकर,
प्रभू क्यूं देर करो,
वादो थारो दाता,

कीर्त्तन में आण को,
धणी क्यूं देर करो,
भजना सूं थान-2,

म्हान आज रिझाणो है,
थान कौल निभानो है……….. ।

_____________

जो कुछ बण्यो म्हांसू,
अर्पण प्रभू सारो,
प्रभू स्वीकार करो,
नादान सूँ गलती,

होती ही आई है,
प्रभू मत ध्यान धरो,
“नन्दू” साँवरिया-2,

थारो दास पुराणो है,
थान कौल निभानो है……….. |

Leave a Comment

Your email address will not be published.