ये सुन्दर सिणगार सुहाना लगता है…Ye Sundar Sringar Suhana Lagta Hai…

ये सुन्दर सिणगार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दिवाना लगता है,
ज्यादा मत देखो नजर लग जाएगी,
ये कीर्तन की रात दुबारा आयेगी I I टेर ।।

(तर्ज : दुल्हे का सेहरा)

हजारों बार देखा है, हजारों बार सजते हों,
मगर क्या बात है कान्हा, गजब के आज लगते हो,
ये सुन्दर चेहरा सुहाना लगता है ।।1 ।।

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अगर हम दूर से देखें, कन्हैया पास लगते हो,
अगर नजदीक से देखें हमें कुछ खास लगते हों,
ये तेरा अंदाज पुराना लगता है ।। 2 ।।

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नजारा देखकर मुझको, कोई सपना सा लगता है,
नया चेहरा तेरा कान्हा, मगर अपना सा लगता है,
बदलेगा जल्दी जमाना लगता है ।।3 ।।

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उछालो रंग “बनवारी” दिवाना आज कर डारो,
जरा मुस्काके देखो तुम, नजर के तीर मत मारो,
भक्तों के दिल पे निशाना लगता है ।।4 ।।

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