घनश्याम बुलावे झुला झूलन…Ghanshyam Bulave Jhula Jhulan…
घनश्याम बुलावे झुला झूलन नै चालो राधे बाग में ।। टेर ।। (तर्ज : झूला….) झूलन चालो बाग में सज सोलह सिणगार,आभूषण पहिरो, गल मतियन को हार ।।१।। ______________ छटा छबीली बाग की, खिल रही केशर क्यार,चम्पा चमेली खिली केतकी, भौरां करत गुजार ।।२।। ______________ दादुर मोर परपीहा बोलत, पिव पिव करत पुकार,घन गरजे बिजली …
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