मात पिता के श्रीचरणों में, ढूंढा जो स्थान
देवों में देव कहाये, तुम्हें सब प्रथम मनाएं
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देव निराले जग में , तुम भी निराले
रिंद्वि -सिद्धी दाता तुम तो, हो रखवाले
मंगल कारज कोई भी हो, पहले तेरा सम्मान
देवों में देव कहाये, तुम्हे सब प्रथम मनाएं
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बुधवार जो भी तुमको, दूर्वा चढ़ाये
संकट हो कितना भारी, रुकने न पाए
लड़वन का हैं भोग लगाते, गाते तेरा यशगान
देवों में देव कहाये, तुम्हे सब प्रथम मनाएं
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मुसक सवारी तुमरी, लगती है प्यारी
“रजए ने तेरी चितवन, दिल में उतारी
जो भी बुलाये महिमा गाये, रखते सदा हो मा-
देवों में देव कहाये, तुम्हे सब प्रथम मनाएं