स्विस बैंक से बढ़कर है, श्याम तेरा दरबार,
भक्तों को हरदम बाँटें, धन दौलत लखदातार ॥टेश॥
(तर्ज : देना है तो दीजिये )
खाटू ढेड ऑफिस है जिसकी शाखा गली गली में है
सुबह शाम लाखों भक्तों में चर्चा शयामधणी की है
यहाँ खाता उनका खुलता, जो श्याम से करते प्यार ॥॥॥
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चेक ड्राफ्ट का काम नहीं बस दो आँसू डी काफी है,
प्रेम भाव सच्ची भक्ति से होती यहाँ निकासी है,
इस बैंक पे केवल सच्चे, भक्तों का है अधिकार ॥2॥
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‘किशन’ यहाँ न ग॒जा कोई ना ही कोई फ़क़ीर है,
श्याम प्रश्नु की कलम से बनती हर बिगड़ी तक़दीर है,
जो सच्चे मन से ध्याये, हो जाये भव सै पाए. _॥3॥