जब श्याम ने पकड़ी कलाई, फिकर फिर क्या करना,
तेरी होगी हर सुनवाई, फिकर फिर कया करना ।।
(जब श्याम ने पकड़ी कलाई )
तेरी नाव भंवर में डोले, तू घबराना नहीं,
तेरा माझी श्याम धणी है, भूल तू जाना नहीं,
इनको पतवार थमाई, फिकर फिर क्या करना ।।
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कोई काल कपाल भी तुझको, छू नहीं पाएगा,
तेरे हर संकट से पहले, श्याम आ जाएगा,
ये बनके चले परछाई, फिकर फिर कया करना ।।
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जिसे प्रेमी ने दिल इनपे, अपना हार दिया,
‘सोनू’ सुख सारा इसने, उसपर वार दिया,
तेरी प्रीत श्याम को भाई, फिकर फिर क्या करना ।।