मुझे श्यामसुन्दर रिझाना है तुमको…Mujhe Shyamsundar Rijhana Hai Tumko…

मुझे श्यामसुन्दर रिझाना है तुमको,
दिले-हाल अपना सुनाना है तुमको ।।
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कहाँ तक गम-ए-दिल, दबाता रहूँगा,
मैं जान-ए-जिगर को, सताता रहूगा,
कलेजे से दिलवर, लगाना है बूमको ॥
मुझे श्यामसुन्दर रिझाना है …..
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तुम्ही मेरी नैया, खिवैया तुम्ही हो,
मेरे यार बंशी, बजैया तुम्ही हो,
नजर से नजर फिर, मिलाना है तुमको ।।
मुझे श्यामसुन्दर रिझाना है …..
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भुलाने का सरकार, इरादा ना करना,
यूँ मजबूर मुझको, ज्यादा ना करना,
ये अरमान दिल के, सजाना है तुमको ।।
मुझे श्यामसुन्दर रिझाना है …..
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तुम्ही चैन हो मेरे, जख्मे जिगर के,
मेरे दिल की दुनिया को, आबाद करके,
चिराग्र-ए-मुहब्बत, जलाना है हूसको ॥।
मुझे श्यामसुन्दर रिझाना है …..
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सुनो श्यामबहादुर, ‘शिव’ की कहानी,
मुझे तो तेरी श्याम, खिदमत बजानी,
दुई का ये परदा, हटाना है तुमको ।।
मुझे श्यामसुन्दर रिझाना है …..

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