मन की बातां संवारिये ने…Man Ki Baata Sanwariya Ne…

मन की बातां संवारिये ने, आज सुना कर देख ले,
सुणसी  सुणसी संवारीयो, टेर लगा के देख ले,.
मन की बातां संवारिये ने….

तर्ज – रामा रामा रटते रटते

गल्ली गल्ली क्यों भटक रहे है, श्याम खड़े तेरे आगे,
तेरी पीड़ा वोही हरेगा,चालेगे तेरे संगे,
गेलो टेढ़ो बाबो सीधो, बदले भाग्य की रेख रे,
मन की बातां संवारिये ने….
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दुनिया से के आस करे से, श्याम ही सांचो साथी,
मन दिवले ले जगमग कर ले, घाल प्रेम की बाती,
रोम रोम श्याम रमा ले, फिर तमाशा देख ले,
मन की बातां संवारिये ने….
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खाटू माहि लगी कचेरी, श्याम करे सुनवाई,
सांचो न्याय चुकातो आयो, जाने पीड़ पराई,
अनिल सुना दे बाता सारी, चरणों माथा टेक ले,

मन की बातां संवारिये ने….

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