दिल दांव पै लगायो,
नादान के करयो तूं,
कैसो गज़ब तूं ढायो ।
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ल्यावै टके की हांडी, बा भी बजा कै देखे,
पण तू तो बावव्ठो है, पागल नै कोई के कह,
गम नै ग़ल्ठे लगायो ।।
नादान के करयो तूं…..
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तेरी परख कै आगे, ही परख नहीं है,
बेशक क्यूँ ले मरेगो, ऐं मं फरक नहीं है,
हिवडै म॑ लया बिठायो ।।
नादान के करयो तूं …..
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्
इब जे मुकर गयो तूं, मझधार मं बह्यो तूं,
तो फिर कठे ठिकाणो, आशिक़ नयो-नयो तूं,
के रोग लगा ल्यायो ।।
नादान के करयो तूं…..
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दरदां कै दर्द की तो, चिंतन ही है दवाई,
मंज़िल है दूर तेरी, सबसै बड़ी समाई,
दिल खोलकर दिखायो ।।
नादान के करयो तूं…..
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‘शिव’ श्यामबहादुर के, नैणां की ज्योत तूं है,
दोन्यूं तरफ सैं काटै, ऐसी करोत तूं है,
खोकर भी कुछ तो पायो ।।
नादान के करयो तू …..