लाय संजीवन बुटी लखन जियाये…Laye Sanjivan Buti Lagan Jiyaye…
लाय संजीवन बुटी लखन जियाये,श्री रघुवीर हर्ष उर लाये-2हे माँ अंजनी के लाल,तुने कर दिया खुब कमाल-2 ।। (तर्ज : तेरे मस्त-मस्त दो नैन) अंजनी के लाल हो,बड़े बेमिसाल हो,वीरों में तुम हो महावीर,दुनिया ये जानती,सेवा में राम की,रहते सदा हो अधीर,बुटी संजीवन जो तुम लेके न आते,भाई लखन जी अपने प्राण गंवाते-2हे माँ अंजनी …
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