तू लीले चढ़कर आज्या…Tu Lile Chadkar Aaja…
तू लीले चढ़कर आज्या,तेरी बाठ उडीकाँ घड़ी-घड़ी ।। टेर ।। (तर्ज : मेरी छतरी के नीचे) भक्ता दरबार सजायो है,थान न्यूतो श्याम भिजायो है,अन्तर केसर की खुशबू,फूलाँ की लटक लड़ी-लड़ी ||_______________ थार केशर तिलक लगावागाँ,चाँदी को छत्तर चढ़ावागाँ,केशरियो बागो ल्याया,थारी लाम्बी लाम्बी मोर छड़ी || _______________ थारो छप्पन भोग बनायो है,सब भगताँ न बुलवायो है,थाण …