श्याम सलोने का प्यारा श्रृंगार है…Shyam Salone Ka Pyara Shringar Hai…

श्याम सलोने का प्यारा श्रृंगार है-२
कितना सुन्दर सांवरा सरकार है
सजा दरबार है के छाई बहार है-२ || टेर ||

(तर्ज:- काली कमली वाला मेरा यार है …)

मोर छड़ी हाथों में विराजे, मोर मुकुट है सिर पे साजे
कान में कुंडल गल वैजन्ती हार है-२ कितना सुन्दर…

बागा इनका बड़ा ही न्यारा जरीदार ये प्यारा प्यारा
हीरे मोती रत्नों की भरमार है-२

केशरिया है चंदन सुहाना खुशबु उड़े और करे दिवाना
केशर के संग इत्तर की बौछार है-२

गेंदा और गुलाब मोगरा रजनीगंधा का है गजरा
जूही चमेली संग महके कचनार है-२

कलिकाल का ये अवतारी लीले की करता है सवारी
तीन बाण का पाया ना कोई पार है-२

बोलो जय श्री श्याम रे भक्तों “निर्मल” ये कहता है सबको
श्याम नाम में ही जीवन का सार है-२

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