श्री श्याम रंगीला
था पर टिकायो दाता जीवन नै।।
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म्हारी अर्ज़ी थारी मर्ज़ी,
थे हो दीनदयाल,
अं दर्दी की पीड़ा नै भी,
मेटो मदन गोपाल ।।
श्री श्याम रंगीला …..
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चौखट पर थारी आ पूंच्यो,
बिगड़ी देओ संवार,
दुनिया रुसै तो चाहै रूसो,
मन्नै तेरी दरकार ।।
श्री श्याम रंगीला …..
हारयोड़ा का हो थे ही साथी,
द्वूजो ना कोई और,
थे म्हारै नैणा की ज्योति,
थे म्हारा चित्तचोर ।।
श्री श्याम रंगीला …..
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श्यामबहादुर ‘शिव’ नन्दनंदन,
मेटो भव की त्रास,
थरै सं मेरो चलै गुजारो,
चरण कमल को दास ।।
श्री श्याम रंगीला …..