श्री राम की गली में तुम जाना,
वहाँ नाचते मिलेंगे हनुमाना |
तर्ज : मणिहारी का वेश बनाया
उनके तन में है राम उनके मन में है राम,
अपनी आँखों से देखे वो कण-कण में राम,
श्री राम का वो हो गया दीवाना ||
ऐसे रामजी से जोड़ लिया नाता,
जब भी देखो उन्हीं के गुण गाता,
श्री राम के चरण में ठिकाना ।।
उनसे कहना राम-२, वो कहेंगे राम-राम,
कुछ भी सुनते नहीं बस सुनेंगे राम-राम,
महामंत्र है ये भूल नहीं जाना ||
इतनी भक्ति वो “बनवारी’ करने लगे,
उसके सीने में राम सिया रहने लगे,
इस कहानी को जानता जमाना ।।
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