प्रथम निमत्रण आपको, माँ गौरी के लाल – Pratham Nimantran Aapko Maa Gouri Ke Lal

प्रथम निमत्रण आपको, माँ गौरी के लाल
श्याम धणी का उत्सव है, आ जाओ तत्काल |

तर्ज : देना है तो दीजिये

आपके आने से ही देवा, काम सभी बन जायेंगे
सभी देवता झट से अपने, आसन पर आ जायेगें
चरण पखारूँ आपके, तिलक लगाऊँ भाल |

मुसे की असवारी कर, रणत भवन से आयेगें
कंचन थाल में लड्डू भर हम, आपको भोग लगायेगें
संकट हारी देवा, मेरे संकट देना टाल |

एक दंत और दयावंत, तेरे हाथ में फरसा भारी है
पहले सुमिरन आपका करते, इस जग के नर-नारी हैं
जो भी ध्यान धरे है तेरा, प्रभुवर रखना ख्याल |

कोई विघन नहीं आता जहाँ, विघ्नेश्वर आ जाते हैं
रिद्ध-सिद्ध शुभ-लाभ और लक्ष्मी, उस घर में आ जाते हैं
मन्नर की विनती है प्रभु, रखना हरदम ख्याल |

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