प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी… Prarthana Hai Yahi Meri Hanumaan Ji…. तर्ज –

प्रार्थना है यही
मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी

अब हाथ धर दीजिए,
राम सीता का दर्शन

कराके मुझे,
मेरे सपने को साकार

कर दीजिए,

दुःख देते मुझे

मेरे ही पाप है,
मेरे मन में है क्या

जानते आप है,
आप हर रुप है

इसलिए कर कृपा,
मेरी हर एक संकट को

हर लिजिए,

मैं भावुक तो हूँ

पर नहीं भक्त हूँ,
इसी कारण तो विषयों में

आसक्त हूँ,
वासना मुक्त कर

मेरे मन को प्रभु,
राम सीता की भक्ति से

भर दीजिए,

तन निरोगी रहे
धन भी भरपूर हो,
मन भजन में रहे

द्वंद्व दुःख दूर हो,
कर्ज भी न रहे

मर्ज भी न रहे,
फर्ज निभता रहे

ऐसा वर दीजिए,

मैं कथा भी कहूँ
तो सियाराम की,
मैं भगति भी करूँ

तो सियाराम की,
सृष्टि राजेश दिखें

सियाराममय,
दास की दृष्टि में वो

असर दीजिए,

प्रार्थना हैं यही

मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब

हाथ धर दीजिए

Bhajan request – Priya Verma
Bhagalpur

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