पलके उघाड़ो माँ, बिगड़ी सँवारो माँ,
हम तेरे लाल है,लो सम्भालो हमें।।
तर्ज-ये रेशमी जुल्फें..
तुझको कैसे रिझाये,हमें ना पता
कैसे राजी करें मैया,तुं ही बता
भक्ति भाव में कच्चे हैं,फिर भी तुम्हारे बच्चे हैं।।(१)
तेरे दर के सिवा ना है,ठिकाना कोई
बोलो क्या हम तुम्हारे,बालक नहीं
जग की ठोकर खाते हैं,लौट तेरे दर आते है।।(२)
मैया बालक तेरे तुझसे,करें प्रार्थना
पूरी कर दो हमारी,मनोकामना
माँगे मात भवानी से,इस जग की महारानी से।।(३)
अपना हाथ दया का,सिर पे धरो
मैं हूँ व्याकुल बहुत मैया,कुछ तो करो
“बिन्नू” शीश नवाता है,गीत तुम्हारे गाता है।।(४)
हम तेरे लाल हैं, लो सम्भालो हमें…