ओ खाटू वाले श्यामा,
मुझे तेरा एक सहारा,
मेरे कष्ट हरो श्री श्यामजी,
मैं बालक हूँ दुखियारा ।।
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मेरी जीवन नैया भव में,
डगमग हिचकोले खाये,
है तुझ बिन कौन बता श्याम,
जो मुझको पार लगाये,
हो जाये दया गर तेरी,
पा जाऊँ मैं तो किनारा ।।
मेरे कष्ट हरो श्री श्यामजी ….
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मैं कब से भटक रहा हूँ,
है कौन जो मुझको सम्हाले,
मुझे एक भरोसा तेरा,
श्याम तूं ही गले लगाले,
दे दे चरणों में शरण तो,
हो जाये मेरा गुजारा ।।
मेरे कष्ट हरो श्री श्यामजी ….
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आ बाँह थाम ले मेरी,
मुझको भक्ति सिखलादे,
ना जानूँ मन्त्र ना पूजा,
ओ श्यामा तूं ही बतादे,
मुझे भूला ना देना बाबा,
हूँ मैं तो तुम्हारा ।।
मेरे कष्ट हरो श्री श्यामजी ….