ओ म्हारे घर में है पितरांजी को वास…….O Mhare Ghar Me Hai Pitran JI Ko was

ओ म्हारे घर में है, पितरांजी को वास,
पूरो है विश्वास, पितर जी म्हारा करेगा भली ।।

(तर्ज : म्हारे सिर पर है बाबाजी……)

म्हारे कुटुम्ब का मुखिया है ये, म्हें हां थांका टाबर,
सुख में दुःख में रात में दिन में, म्हाने सम्भाले आके,
ओ रहवे, पित्तर जी म्हारे आस-पास, पूरो है विश्वास ।।१।।

चौदस को दिन है पितरां को, प्रेम स ज्योत जगावां,
भूल-चूक की माफी माँगा, झुक झुक धोक लगावां,
ओ म्हारे, मन की पुरावें सदा आस, पूरो है विश्वास ।। २ ।।

पितर जी की महर से म्हें तो, मौज करां दिन रात,
कहे ‘मोहित’ पितर जी को है, म्हारे सिर पे हाथ,
ओ म्हाने, होवे सदा यो अहसास, पूरो है विश्वास ||३||

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