खाता खोल के देख साॅवरा, चाकर बहुत पुरानो हूॅ।
लगन लगा कर करूॅ नौकरी, तन्न सब कुछ मान्यो हूॅ।।
(तर्ज:-थाली भर कर ल्याई खीचङो)
जद स होश सम्भाल्यो मन्न, श्याम तेरो ही चाव रह्यो
मैं बाबा को बाबो मेरो, मन म ऐसो भाव रह्यो
भलो बुरो जैसो भी हूॅ पर, तेरो श्याम दीवानो हूॅ।।
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मेरो दूजो नहीं आसरो, एक तेरो ही शरणो है
सोच समझ कर मेरो फैसलो, श्याम तन्न तो करनो है
तेर नाम जिन्दगानी लिख दी, माॅग रह्यो हरजानो हूॅ।।
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तुं मेरी रग रग की जाण, मेरो तो हमराज है तुं
दुखिया दिल का साज तु ही है, दर्द भरी आवाज है तुं
कोई दूजो बाॅच सकै ना, मैं ऐसो अफसानो हूॅ।।
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मेरे जीवन की किताब का, सगला पन्ना नाम तेर
“बिन्नू” क संतोष है मन म,कुछ तो आऊॅ काम तेर
तुं मेरी आशा को दीपक, मैं तेरो परवानो हूॅ।।