हो देवा थाने
मन सू ध्यावा जी,
पूरन करियो काम
चरण में शीश नवावा जी
तर्ज : ढोला ढोल मजीरा बाजे
थारो लेकर आसरों जी
थासू अर्ज लगाई,
टाबर थारा थारी शरण मं,
बेगा करो सुनाई,
म्हे तो थारो ही,
ध्यान लगावां जी
पूरन ….
म्हें म्हारा मनड़ारी बाता,
थाने ही सुनावां
छोड़ थारे चरणों को आसरो,
ओर कैठे म्हे जावा.
म्हे तो थांसू ही,
आस लगावां जी
पूरन….
थे हो म्हारे मन की ज्योति,
थे घर का रखवाला.
पितरजी थारी शक्ति स थे,
खोलो करम का ताला.
थाने दिल का हाल
सुनावां जी
पूरन….