छोटी-सी अरदास गुरूजी चरणां मैं पड़ी…Choti-Si Ardas Guruji Charna main padi…

दोहा – शुरु झुरत सुख चन्द्रमा सेवक नैन वकोर ।
अष्ट प्रहरनिरखत रहूँ शुरु मूराति की ओर ।।

छोटी-सी अरदास गुरूजी चरणां मैं पड़ी ।
लगा के श्याम से अरदास मीठाद्यो संकट की घड़ी ।।टेर ।।
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सारै जग में भटक्यायो पर स्रुणी ना कोई बात ।।
थारै आगै अर्ज करां म्हे जोड़ा दोनूँ हाथ |
म्हारी अभिलाषा न पूरी करद्यो अब की घड़ी ।|१।।
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गिरतो पड़तो ठोकर खातो थारै द्वारे आयो ।
काम मेरो छोटो सो गुरूजी करद्यो मन को चायो ||
म्हार रखद्यो सिर पर हाथ लेकर मोर की छड़ी ।।२।।
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ऐसो द्यो वरदान जुरूजी नित उठ मौज उड़ावाँ ।
फाणण क मेल पर बाबा श्याम का दर्शन पावाँ ।।
म्हार घर में लगाद्यो अब तो प्रेम की झड़ी ।॥३ |।
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सेवक पालीराम थार चरणां शीश नवाव ।
ऐसी छाप लगाद्यो गुरूजी किस्मत पलटी जाव |
म्हारी पार लगा द्यो नैया थारे भरोस पड़ी ।।४।।

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