हर बार मैं खुद को…Har Bar Main Khud Ko…
हर बार मैं खुद को,लाचार पाता हूँ,तेरे होते क्यूं बाबा,मैं हार जाता हूँ॥टेर॥ (तर्ज: मेरे दुःख के दिनों में वो…. ) हर कदम पे क्या यूंही,मैं ठोकर खाऊँगा,बस इतना कह दे क्या,मैं जीत न पाऊँगा,तेरी चौखट पे मैं क्या,बेकार आता हूँ॥१॥ ______________________ क्यूं अपने वादे को,तू भूला बिसरा है,हारा हुआ ये प्राणी,चरणों में पसरा है,तेरा …
