दोहा :
लाल देह लाली लसे,
अरुधर लाल लंगूर ।
वज़ देह दानव दलन,
जय जय जय कपी शूर ।।
उठे तो बोले राम,
बैठे तो बोले राम |
देखो राम भक्त हनुमान,
बोले राम राम राम ।टेर।।
(वर्जन: ओ राधा म्हाने….)
बालासा म्हारै कीर्तन में आवोजी |
एक बार थे आ जाओ
म्हें धोक लगावां जी ।।
अंकै नैणा मांही राम,
अंकै हिरदे मांही राम |
अंकै रोम रोम में राम,
बोले राम राम राम |॥|१ |।
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चरणां की धूलि,
एकबर पावां जी ।
श्री राम के प्यारे,
भव से तर जावां जी ।।
अंकै राम नाम की भक्ति,
अंकै राम नाम की शक्ति ।
अंकै राम शरण में धाम,
बोले राम राम राम || २ ||
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सिया रामजी से
म्हानै मिला द्यो जी |
भक्तां के संग मिलकर,
नाचां और गावां जी ।।
कोई भक्त नहीं है ऐसो,
श्री हनुमान के जैसो |
गावे भक्त सभी गुणगान,
बोले राम राम राम || ३ ||