तुमसे ही मिली खुशियाँ, तुमसे जिंदगानी है,
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा, तेरी मेहरबानी है ।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा है
सूना मेरा जीवन था, तूं बनके बहार मिल्रा,
मेरी नाव भौँवर में थी, बनके पतवार मिला,
पहले ग़म के आँसू थे, अब खुशियों का पानी है ।।
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा, तेरी….
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कल तक जो ना बदला था तूने आज बदल डाला,
तूने मेरे जीने का, अंदाज़ बदल डाला,
कल तक ग़म की रातें थी, अब भोर सुहानी है ।।
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा, तेरी….
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जीवन का हर सपना, तुमने साकार किया,
मुझ जैसे निर्गुण को, तूने कितना प्यार दिया,
तूने लिख दी मोहब्बत से, ‘सोनू’ की कहानी है ।।
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा, तेरी….
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कुछ और नहीं चाहूँ, बस तुझमे ध्यान रहे,
तेरे चरणों में हरदम, मेरा स्थान रहे,
तेरी छाया में जीवन की, हर साँस बितानी है |।
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा, तेरी….