थारे चरना माहि लाडो को ठिकानों लागे….Thare Charna Mahi Laado Ko Thikano Laage..

थारे चरना माहि
लाडो को ठिकानों लागे
दादी थारो मारो प्रेम

पुरानो लागे,
थारे चरना माहि

लाडो को ठिकानों लागे


तर्ज – मीठे रस से भरी


जद जद हिचकी आवन लागे
माहरी आखेया फडकन लागे,
जानो दादी जी ने झुझुनू बुलानो लागे
दादी थारो मारो प्रेम पुरानो लागे,


पग पग पर आडा आवो
म्हारे मन की आस पुरावो,
सोचो थाणे माहरो लाड लडानो लागे
दादी थारो मारो प्रेम पुरानो लागे,


सुनो सुनो माँ झुंझन वाली
सवाती की भी करो रुखाली
थाणे लाडी सर को मान बडानो लागे
दादी थारो मारो प्रेम पुरानो लागे,


कदी कदी सुपने में आवो
हर्ष माँ सिर पे हाथ फिरावो
माहने दादी थारो प्यार सुहानो लागे
दादी थारो मारो प्रेम पुरानो लागे,

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