सरब सुहागण मिल मन्दरिये में आई…Sarab Suhagan Mil Mandirye Main Aai…

सरब सुहागण मिल
मन्दरिये में आई,
म्हारी दादीजी के

हाथ रचाई जी या मेंहदी ।।
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सोने की झारी में
गंगाजल ल्याई,
तो कंचन थाल

धुलाई जी या मेंहदी ।।
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चाँदी की चौकी पर
चौक पुरायो,
तो दादीजी बै

मण्डाई जी या मेंहदी ।।
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भाव भरी मेंहदी
हाँथा रची है,
तो दादीजी ने प्यारी

लागी जी या मेंहदी ।।
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चरण धोय
चरणाँ में लागी,
तो आशीष लेकर

आई जी या मेंहदी ।।
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अन्न धन लक्ष्मी
भौत घणा दे,
म्हांरे टाबरियाँ की

बेल बढ़ाई जी या मेंहदी |।
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दया दृष्टि कर
दीजो दादीजी,
थारा टा बरिया मिल

सब गाई जी या मेंहदी ।।

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