मोटी सेठाणी,
म्हारो बेड़ो पार लगानो पड़सी ए,
मोटी सेठाणी,
पीछो तेरो छोड़ूं कोन्या,
क्या मं बड़सी ए, मोटी सेठाणी |
(तर्ज : धमाल)
सूँप देई पतवार मात म्हें,
थार भरोस बैठ्या ए,
नीदड़ली तोड़ो कुल देवी,
आनो पड़सी ए ।।1 ।।
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थाणे अपना जान के मैया,
थारो पल्लो पकड़यो ए,
माँ बेटे को रिश्तो थाण,
निभानों पड़ती ए ।। 2 ॥।
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थारो पल्लों छोड़ा कोन्या,
चाहे कुछ भी करले ए,
टाबर ताँई हाथ दया को,
बढ़ानो पड़सी ए ।। 3 ।।
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टाबर की अर्जी पर मैया,
काँई थारी मर्जी ए,
“बनवारी’ माँ आज फैसलो,
सुनानो पड़सी ए ।। 4 ।।