साँवरा दीन का मीत है,
इनकी चौखट पे आना पड़ेगा,
आह सुनता ये सबकी यहाँ,
आके सर को झुकाना पड़ेगा ।।
(तर्ज : जिन्दगी प्यार का गीत है)
कोई हारा हुआ है तो क्या,
गम का मारा हुआ है तो क्या,
ना है साथी कोई भी तो क्या,
इनको साथी बनाना पड़ेगा I I1I I
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सुनी काली अगर रात है,
डरने की ना कोई बात है,
ये तो हरपल तेरे साथ है,
इनको दिल से बुलाना पड़ेगा I I 2।।
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जिसकी आँखो में दुखड़े सजे,
सारे अरमान दिल के बुझे,
उसको उंगली पकड़ के तुझे,
“हर्ष” खादू तो लाना पड़ेगा ।। 3। I