सांवरे की महफिल को…Saawre Ki Mehfil Ko…

सांवरे की महफिल को
सांवरा सजाता है,
किस्मत वालों के

घर में श्याम आता है ।। टेर ।।

(तर्न: आदमी मुसाफिर है…)

गहरा हो नाता बाबा का जिनसे,
मिलने को बाबा, आता है उनसे,
उनका ये साथी बन जाता है ।। १ ।।

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किरपा बरसती है जिस पे इसकी,
तकदीर लिखता हाथों से उसकी,
गम का अंधेरा छंठ जाता है । २ ।।

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भजन सुनाते जो इसको प्यारे,
उसके तो परिवार के वारे न्‍यारे,
मंदिर सा घर बन जाता है ।। ३ ।।

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कुछ भी असंभव होता नहीं है
महफिल में इसकी होता यही है
“सुनील” सब यहाँ मिल जाता है ।। ४ ।।

Bhajan Request – Hema Ji
Kahalgaon

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