रो रोकर फरियाद करा हां श्याम मिजाजी आजा र
‘लखदातार कुहाव है तो दातारी दिखलाजा र
॥रो रोकर॥
( तर्ज: कस्मे वादे प्यार वफा सब…. )
जद-जद म्हां पप आफत आव तुं संताप मिटाव है
दीन-दुखी दरवाज आव मनवांछित फल पाव है
इसीलिये तो दुनियां तन्नन जगत सेठ बतलाव है
॥रो रोकर॥
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आश लगा कर बैठया हां म्हे श्याम धणी इब आवगो
बुछ न कुछ तो महर करगो बुछ न बुछ फरमांवगो
रख देवगो हाथ यो सिर पर चरणा से लिपटावगो
॥रो रोकर॥
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क्यां म अटक्यो सांवरिया तुं क्यां म बार लगाई है
दुख पाव है टाबर तेरा कैयां तेर समाई है
सुन नहीं के म्हारा दुखड़ा के कोई सौगन खाई है।
॥रो रोकर॥
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नजर दया की कर दे इब तो म्हारो हिवड़ो खिल जासी
रूकी पड़ी है जीवन गाड़ी बीका चक्का हिल जासी
“बिन्नू’” बोले दर्शन दे दे म्हान सब बुछ मिल जासी
॥ रो रोकर॥