मुस्कान मोहन की…Muskan Mohan Ki…

मुस्कान मोहन की, धड़कन मेरै दिल की,
चरणां मं श्यामदेव कै, पलकां है बिछाई,
रसिये की याद आई ।।
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कह दयूं खुलकर, मेरी तमन्ना कहती है,
चुभन याद की मीठी-मीठी सहती है,
ये दिल बड़ा नाजुक है, क्या सहेगा जुदाई ।
रसिये की याद आई ।।
मुस्कान मोहन की ………
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जे पर्दे की अडवार, हटाली जावैगी,
जद क्यूँई मेरे मन मं थ्यावस आवैगी,
धीरज की भी हद है, कित्ती राखी समाई ।
रसिये की याद आई ।।
मुस्कान मोहन की ………
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हिवड़ै मांली बात, श्याम नै कह दी है,
गुनाहगार यो जीव श्याम को कैदी है,
यादां मं सूखण की, तूं के बाण सिखाई ।
रसिये की याद आई ।।
मुस्कान मोहन की ……..
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बम र सेवक, श्याम पुराणो है,
बाला देक ‘शिव’ नै, भरमाणो है,
जुग-जुग सैं यै आँख्यां, तेरे दर पै लगाईं ।
रसिये की याद आई ।।
मुस्कान मोहन की …….

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