कान्हा मेरी लाज अनमोल है…Kanha Meri Laj Anmol Hai…

कान्हा मेरी लाज अनमोल है,
तेरे सिवा कौन इसे रखेगा श्याम ।।
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लाज गई तो कुछ भी ना रह जायेगा,
ये दुखियारा जीते जी मर जायेगा,
कान्हा अंधकार घनघोर हैं ।।
तेरे सिवा कौन इसे ………
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एक सहारा सबको मिल ही जाता है,
पर मुझको वो भी नजर नहीं आता है,
कान्हा मेरे हाथ कमजोर हैं ।।
तेरे सिवा कौन इसे ………
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इसका जौहरी और कहीं नहीं पाया हूँ.
‘बनवारी’ मैं पास तुम्हारे लाया हूँ.
कान्हा तूं बता क्या मोल है ।।
तेरे सिवा कौन इसे ……..

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