मीठे रस से भरी रे
राधा रानी लागे, राधा रानी लागे,
मने कारो-कारो
जमना जी रो पाणी लागे…
जमना जी तो कारी-कारी
राधा गोरी-गोरी,
वृंदावन में धूम मचावे,
बरसानें की छोरी,
ब्रजधाम राधाजू की रजधानी लागे
रजधानी लागे,
मने कारो कारो…
कान्हा नित मुरली में टेरे,
सुमिरें बारम्बार,
कोटिन्ह रुप धरे मन-मोहन,
कोई न पावे पार,
रुप रंग की छबीली पटरानी लागे,
पटरानी लागे,
मने कारो कारो…
ना भावे मने, माखन मिश्री,
अब ना कोई मिठाई,
म्हारी जीभड़ीया ने भावे अब तो
राधा नाम मलाई,
वृषभानुं की लली तो गुड़धानी लागे,
गुड़धानी लागे,
मने कारो कारो…
राधा-राधा नाम रटत है,
जो नर आठों याम,
उनकी बाधा दूर करत है
राधा-राधा नाम,
राधा नाम में सफल
जिंदगानी लागे,
मने कारो कारो..