मेरे खाटू की गलियाँ तंग हो गई…Mere Khatu Ki Galiyan Tang Ho Gai…

मेरे खाटू की गलियाँ तंग हो गई,
सारी दुनिया सांवरिया के संग हो गई,
यहाँ देखो वहा देखो केसरिया रंग हो गई ,
मेरे खाटू की गलियाँ तंग हो गई

तर्ज – मेरे हांथो में नो नो चूड़ियां

नये नये भगतो पे बाबा मेहरबान है,
पुरे करता सभी के जो भी अरमान है,
कही मस्ती कही बस्ती कही सरंग हो गई,
मेरे खाटू की गलियाँ तंग हो गई
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लम्बी लम्बी कतारे लगी तोरण द्वार से,
मेरा बाबा निरख रहा बड़े प्यार से ,
कही उपर कही निचे कही सुरंग हो गई,
मेरे खाटू की गलियाँ तंग हो गई
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सागर जैसे हिलोरे लेते भक्त वन्वारे,
पप्पू शर्मा के भजनों पे झूमे गाव रे,
कही गंगा कही यमुना एसी तिरंग हो गई,
मेरे खाटू की गलियाँ तंग हो गई,

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