मणिहारी का भेष बनाया… Manihari Ka Bhesh Banaya…

दोहा : जोगन रुकमण राधिका,
रुप बनायो आय
जोगि रुप लिया श्याम ने,

सत परखन को जाय ॥


मणिहारी का भेष बनाया,
श्याम चूड़ी बेचने आया |
छलिया का भेष बनाया,

श्याम चूड़ी बेचने आया ॥।


झोली कांधे धरी,
उसमें चूड़ी भरी (२)
गलियों में शोर मचाया ।

श्याम चूड़ी…


राधा ने सुनी
ललिता से कही,
मोहन को तुरंत बुलाया ।

श्याम चूड़ी…


चूड़ी लाल नहीं पहनूं,
चूड़ी हरी नहीं पहनूं,
मुझे श्याम रंग है भाया ।

श्याम चूड़ी…


राधा पहनने लगी,
श्याम पहनाने लगे
राधा ने हाथ बढ़ाया ।

श्याम चूड़ी…


राधा कहनन लगी
तुम हो छलिया बड़े
धीरे से हाथ बढ़ाया ।

श्याम चूड़ी…

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