लीलै घोडै वालो मेहरबान चाहिये,
साथ मांही वीर हनुमान चाहिये ।।
______________
केशरिया बागै मांही लागै मनभावणो,
नैणा मं बसाल्यूँ रंग-रूप हो सुहावणो,
बालाजी कै हाथ मं निशान चाहिये ।।
साथ मांही वीर हनुमान …..
______________
सांवब्ठी सूरत सोहै मोरछड़ी हाथ मं,
मल मल नहाऊँ दया की बरसात मं,
अधरां पै मीठी मुस्कान चाहिये ।।
साथ मांही वीर हनुमान …..
______________
तीन बाण धारी सोहै कमर-कटारी,
तिरछी लटक पर जाऊँ बलिहारी,
मुखड़ै पै राच्यों जां कै पान चाहिये ।।
साथ मांही वीर हनुमान …..
______________
नैणा मं दयालु कै छलक रह्यो प्यार हो,
श्यामबहादुर ‘शिव’ लीलै पै सवार हो,
ऐसो आलिशान जजमान चाहिये ।।
साथ मांही वीर हनुमान …..