|| स्थाई ।।
किस्मत से शुभ दिन आया,
श्याम खादू से चलकर आया ।।
(तर्ज: मनिहारी का भेष बनाया… )
|| अन्तरा ।।
चन्दन चौक पुराओ,
मंगल कलश सजाओ ।।
कोई पुण्य सामने आया,
श्याम खाटू से चलकर आया ।।…
माथे तिलक लगाओ,
हार बाबा नै पहराओ ।
बाबा प्रेम देख मुस्कायां,
श्याम खाटू से चल कर आया ।।
मिल आरती उतारों,
अपनों भाग्य संवारो ।
कोई छप्पन भोग लगाया,
श्याम खाटू से चल कर आया ।|
हाल दिन का कहांगा,
“नन्दूः आज ना चुकांगा ।
कोई अर्जी पास कराया,
श्याम खाटू से चल कर आया ।।