कैंया सरसी रे साँवरा – Kaiyan Sarasi Re Sawra

कैंया सरसी रे साँवरा, कैंया सरसी रे
भोला टाबरिया न भूल्यां कैंया सरसी रे… |

घणी जगह से पता करी सब याही बतलावे-२
खाटू वालो श्यामधणी तेरी नैया पार लगावे-२
हो लीले असवार तनै तो आनो पड़सी रे-२

गमग-डगमग डोले नैया सुझे नहीं किनारो-२
श्याम धणी तेरे भगतां नै, तेरो एक सहारो-२
आज शरण म्हानै भी दाता, देनी पड़सी रे-२

जद-२ म्हा पर आफत आवे, नाम तेरो ही भावे-२
और कोई दुःख बाँटे नाहीं, तू ना देर लगावे-२
या आफत म्हारी भी भाया टाल्यां सरसी रे-२

BhajanVarsha.IN

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