शैंदूर लाल चढायो अच्छा गजमुख को…Sendur Lal Chadayo Achha Gajmukh Ko…

सिंदूर लाल चढायो अच्छा गजमुख को ॥
दोंदिल लाल बिराजे सूत गौरीहरको ॥
हाथ लिए गुड-लड्डू साईं सुरवरको ॥
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पदको,
जय देव जय देव ॥
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जय जय श्री गणराज विद्या सुख दाता ॥
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव ॥

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॥ जय जय श्री गणराज विध्यासुखदाता ॥
॥ धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता जय देव जय देव ॥

भावभगत से कोई शरणागत आवे |
संतति सम्पति सभी भरपूर पावे |
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे |
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे,
जय देव जय देव ॥

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जय जय श्री गणराज विद्या सुख दाता ॥
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता जय देव जय देव ॥

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